ना जाने क्यूँ वो हमेशा मुस्कुराता है,
ना जाने क्यूँ वो हमेशा मुस्कुराता है,
अपनी मस्ती भरी बातों से सबको हंसाता है,
कभी अपनी बातों पर ख़ुद ही हंसने लगता है,
तो कभी कोई किस्सा सुनाने लग जाता है,
और कभी तो किसी अनजाने को आवाज़ लगा कर छिप जाता है,
फ़िर कुछ ही देर में अपनी सुनहरी मुस्कान बिखराता है,
ना जाने क्यूँ वो हमेशा मुस्कुराता है.........
हर वक्त भीड़ से घिरा ही मिलता है,
शायद कोई जादू जानता है,तभी तो हर शख्स उसे पूछता रहता है,
हाँ जादू ही है, तभी तो कभी कोई उस जैसा नहीं बन पाता है,
और हाँ तभी वो आँखों में छुपे हुए दर्द को भी पहचानता है,
तुम किसी को न बताओ, पर वो जानता है,
बिना तुम्हे पता चले,दर्द पर मरहम भी लगता है,
एक पल भी सोचे बगैर किसी भी मदद को आ जाता है,
शायद अब मैं उसे लगा हूँ,पर अब भी सोचता हूँ;
ना जाने क्यूँ वो हमेशा मुस्कुराता है.......
वो तुम्हारे बारे में सब कुछ जानता है,
पर कोई उसके बारे में नहीं जानता ,
कैसे वो अपनी बातों को छुपाता है,
क्यों अपनी ज़िन्दगी के बारे में नहीं बताता ,
क्या उसकी हँसी एक छलावा है,
जो उसकी ज़िन्दगी को हमसे छुपाती है,
शायद उसकी हँसी का दर्द किसी को दिखता नहीं,
शायद उसकी जिन्दगी में कई दर्द हैं,
शायद उसके गुज़रे लम्हे कुछ सर्द हैं,
तभी तो उन्हें भुलाने के लिए वो मुस्कुराता है,
और हाँ हँसी के मारे पेट में दर्द भी कराता है,
दूसरो की मुस्कराहट में अपने गम भुलाता है,
शायद अब मैं जान गया हूँ की वो हमेशा क्यूँ मुस्कुराता है...........
अंजित :)
अपनी मस्ती भरी बातों से सबको हंसाता है,
कभी अपनी बातों पर ख़ुद ही हंसने लगता है,
तो कभी कोई किस्सा सुनाने लग जाता है,
और कभी तो किसी अनजाने को आवाज़ लगा कर छिप जाता है,
फ़िर कुछ ही देर में अपनी सुनहरी मुस्कान बिखराता है,
ना जाने क्यूँ वो हमेशा मुस्कुराता है.........
हर वक्त भीड़ से घिरा ही मिलता है,
शायद कोई जादू जानता है,तभी तो हर शख्स उसे पूछता रहता है,
हाँ जादू ही है, तभी तो कभी कोई उस जैसा नहीं बन पाता है,
और हाँ तभी वो आँखों में छुपे हुए दर्द को भी पहचानता है,
तुम किसी को न बताओ, पर वो जानता है,
बिना तुम्हे पता चले,दर्द पर मरहम भी लगता है,
एक पल भी सोचे बगैर किसी भी मदद को आ जाता है,
शायद अब मैं उसे लगा हूँ,पर अब भी सोचता हूँ;
ना जाने क्यूँ वो हमेशा मुस्कुराता है.......
वो तुम्हारे बारे में सब कुछ जानता है,
पर कोई उसके बारे में नहीं जानता ,
कैसे वो अपनी बातों को छुपाता है,
क्यों अपनी ज़िन्दगी के बारे में नहीं बताता ,
क्या उसकी हँसी एक छलावा है,
जो उसकी ज़िन्दगी को हमसे छुपाती है,
शायद उसकी हँसी का दर्द किसी को दिखता नहीं,
शायद उसकी जिन्दगी में कई दर्द हैं,
शायद उसके गुज़रे लम्हे कुछ सर्द हैं,
तभी तो उन्हें भुलाने के लिए वो मुस्कुराता है,
और हाँ हँसी के मारे पेट में दर्द भी कराता है,
दूसरो की मुस्कराहट में अपने गम भुलाता है,
शायद अब मैं जान गया हूँ की वो हमेशा क्यूँ मुस्कुराता है...........
अंजित :)
Good Lyrics...... It's praiseworthy Anjit :)
ReplyDeletethank you thank you ;)
ReplyDeletebut main jaan paye shayad..
ReplyDeleteis this poem is about sun??
pata nahi sweta,
ReplyDeleteye to mujh ebhi nahi maloom ki ye poem kiske liye hai,
par jiske liye hai wo hai to jaroor ;)
aaye haaye bahut khoob :))
ReplyDeleteThanks Kratika :)
Deleteshayad ab sab jaan gaye ki wo kyu itna muskurata hai..
ReplyDeleteawesome work... keep going :)
best of luck :)
Thanks :)
Deleteachchi likhi .
ReplyDeleteThanks Mahima ma'm :)
Delete:) :)
ReplyDelete:) :)
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