I have written a poem, a bit earlier. It’s my very first attempt of writing a poem so please bear with me...... रास्ता, कभी खामोश, तो कभी कुछ कहता है ये रास्ता,, कभी मंजिल ,तो कभी एक पड़ाव है ये रास्ता,, कभी जाना , तो कभी खुद से भी अंजाना है ये रास्ता,, कभी जीने की , तो कभी न जीने की वजह है ये रास्ता,, रास्ता, मेरी ज़िन्दगी है एक रास्ता,इसके हर लम्हे का चश्म्दीद है ये रास्ता,, हर खुशनुमा पल है एक सीधा रास्ता, सर्द लम्हों में कुछ मोड़ लिए हुए है ये रास्ता,, मैं अकेला नहीं हूँ इस रास्ते पर, मुसाफिर और भी हैं ,जिनके लिए है ये रास्ता,, कुछ सामने से आते हैं और बिना देखे ही निकल जाते हैं,कुछ मुड़कर आते हैं ,छोड़ के अपना रास्ता,, कुछ जान कर भी नहीं पहचानते , कुछ अनजाने भी साथ आ जाते हैं, इसकी वजह भी है ये रास्ता,, रास्ता, हमेशा से अधुरा है ये रास्ता, मेरी ज़िन्दगी के साथ ही पूरा होगा है ये रास्ता,, रास्ता, कभी खामोश , तो कभी कुछ कहता है ये रास्ता...............