उड़ने दो........
महसूस करने दो,
हवा की नमी को,
मिट्टी की खुशबू को,
देखने दो अक्स अपना,
नदी में,तालाब में,
सहने दो ,
धूप की तपिश को,
वक़्त के थपेड़ो को,
बिखरने दो ,
अपनी पहचान को,
बस उड़ने दो,
इस नीले आसमान में,
पंख लगा दो,
मेरे अरमानो को,
उलझने दो,
मेरे ख्यालों को,
उलझने से ही तो सुलझना होगा
पंखो से ही हवा महसूस होगी,
बिखरने से ही निखरना होगा,
धूप से अक्स और गहरा होगा,
ये वक़्त ये जहां, सब मेरा होगा.....
अंश :)
हवा की नमी को,
मिट्टी की खुशबू को,
देखने दो अक्स अपना,
नदी में,तालाब में,
सहने दो ,
धूप की तपिश को,
वक़्त के थपेड़ो को,
बिखरने दो ,
अपनी पहचान को,
बस उड़ने दो,
इस नीले आसमान में,
पंख लगा दो,
मेरे अरमानो को,
उलझने दो,
मेरे ख्यालों को,
उलझने से ही तो सुलझना होगा
पंखो से ही हवा महसूस होगी,
बिखरने से ही निखरना होगा,
धूप से अक्स और गहरा होगा,
ये वक़्त ये जहां, सब मेरा होगा.....
अंश :)
Lovely thoughts............ i must say
ReplyDeleteबस उड़ने दो,
ReplyDeleteइस नीले आसमान में,
पंख लगा दो,
मेरे अरमानो को,
very Nice :)