शायद कुछ दूरहैं हम,शायद कुछ दूर हो तुम, यह दूरियां कुछ बातों की हैं,या चंद मुलाकातों की हैं, तलाशा तलशता रहा तुम्हे हर जगह, हर पल, पर जानता हूँ अब तुम मुझसे दूर कहीं हो, मेरी हर खामोशी का सबब, मेरी दुनिया में एक खालीपन की वजह, मेरी मुस्कराहट में छिपा दर्द हो तुम, तुम्हे भूलने की तो मैंने कोशिश भी नहीं की, क्यूंकि तुम तो मेरी आंखों में हो, मेरे अश्क तुम्हारी यादों को नम करते रहते हैं, मेरी जिन्दगी के पन्नो को भिगा कर चले जाते हैं, तेरे जाने का असर हुआ यूँ मुझ पर , की तेरी तलाश में मैंने ख़ुद को पा लिया , तेरे न होने के अहसास को, मैंने सदा के लिए भुला दिया, वो हँसी की खनक, अब भी सुनाई देती है, वो आंखों की चमक अब भी दिखाई देती है, हर बात, हर मुलाक़ात अब भी याद है, पर अब बस ये एक याद है, इन यादों को भी ख़्वाबों का सहारा चाहिए, अब तो ख्वाब भी आंखों से रुठे हुए से लगते हैं, पलकों से अश्क भी टूटे हुए से लगते हैं, आज मुझे अहसास हुआ, तेरा जाना ख्वाब नहीं हकीक़त था..... Missing You.....
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