तितलियाँ यादों की बस उडती ही जाएँ.....
Dedicated to old memories
read on
AnSh :)
उड़ान सिर्फ ख़्वाबों की नहीं होती,
यादें भी कभी पंख पसार लेती हैं,
और उड़ने लगती हैं हौले से,
नन्ही कोमल पंखुड़ियों के गिर्द,
तितलियाँ उडती हैं जैसे....
तितलियाँ उन यादो की,
जो बहती थी कागज की कश्तियों में,
जो झूलती थी आम की शाखों में,
जो झगड़ पड़ती थी बस दो कंचो के लिए,
जो मानती थी देकर इमलियाँ,
जो दौड़ पड़ती थी बस एक आवाज पर,
जो सहम जाती थी उस अँधेरी दीवार पर,
ये यादें दौड़ती थी नंगे पैर,
फूलों भरे बगीचों में,
नर्म नर्म घास पर,
पकड़ने उन रंग बिरंगी तितलियों को,
उन तितलियों को,
जो थी किसी की यादों की,मुलाकातों की,
कुछ भूले हुए अफसानो की,
तितलियाँ,रंगबिरंगी,तितलियाँ,यादों की,
तितलियाँ यादों की बस उडती ही जाएँ.......
AnSh :)
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AnSh :)
उड़ान सिर्फ ख़्वाबों की नहीं होती,
यादें भी कभी पंख पसार लेती हैं,
और उड़ने लगती हैं हौले से,
नन्ही कोमल पंखुड़ियों के गिर्द,
तितलियाँ उडती हैं जैसे....
तितलियाँ उन यादो की,
जो बहती थी कागज की कश्तियों में,
जो झूलती थी आम की शाखों में,
जो झगड़ पड़ती थी बस दो कंचो के लिए,
जो मानती थी देकर इमलियाँ,
जो दौड़ पड़ती थी बस एक आवाज पर,
जो सहम जाती थी उस अँधेरी दीवार पर,
ये यादें दौड़ती थी नंगे पैर,
फूलों भरे बगीचों में,
नर्म नर्म घास पर,
पकड़ने उन रंग बिरंगी तितलियों को,
उन तितलियों को,
जो थी किसी की यादों की,मुलाकातों की,
कुछ भूले हुए अफसानो की,
तितलियाँ,रंगबिरंगी,तितलियाँ,यादों की,
तितलियाँ यादों की बस उडती ही जाएँ.......
AnSh :)
yaadaon ki rang birangi titliyaan sach main ...
ReplyDeletesahla jateen hain man ko ..
ये लाइन मेरे दिमाग में नहीं आई
ReplyDeleteबड़ी अच्छी हैं
इसका प्रयोग किसी अन्य कविता में कर सकता हूँ :)
धन्यवाद
After reading... could recollect few lines of Nida Fazli, a song of Strings with same title, gazal of Jagjeet Singh...
ReplyDeletevery nice poetry.... Kamal
Thanks kamal sir :)
ReplyDeletesuperb writing dude.... superlike
ReplyDeleteso cute,, it actually depicting all childhood memories..
ReplyDeleteBahot hee khoobsoorat! Bas Yunhi nahi kaha, waakyi laga :)
ReplyDeleteThanks Purvi :)
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